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भारत का पहला पेट–यकृत–प्लीहा शुद्धि किट, आयुर्वेद गुरु आचार्य मनीष जी द्वारा लॉन्च

लखनऊ (उत्तर प्रदेश), अगस्त 23: आयुर्वेद और रोकथाम स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम के तहत, प्रतिष्ठित आयुर्वेद सुधारक आचार्य मनीष जी ने पेश किया पेट–यकृत–प्लीहा शुद्धि किट, जो भारत का पहला समग्र डिटॉक्स प्रोटोकॉल है। यह किट पेट (आंत), यकृत (लीवर) और प्लीहा (स्प्लीेन) को एक साथ शुद्ध करने के लिए तैयार किया गया है। दशकों से, आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान एक तथ्य पर जोर देते आए हैं: अधिकतर क्रॉनिक बीमारियों की शुरुआत खराब पाचन और शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमा होने से होती है। आज के बढ़ते जीवनशैली संबंधी रोग—जैसे डायबिटीज़, फैटी लीवर, हाई ब्लड प्रेशर, हार्मोनल असंतुलन, थकान और कम होती प्रतिरक्षा—अक्सर पेट-लीवर-स्प्लीन अक्ष की गड़बड़ी से जुड़े होते हैं। यह किट सीधे इस मूल कारण को लक्षित करता है, जहाँ प्राचीन आयुर्वेदिक सिद्धांतों को आधुनिक क्लिनिकल वैलिडेशन के साथ जोड़कर एक सरल लेकिन प्...
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मिलिंद सोमन संग सेंटर फॉर साइट ने आंखों के स्वास्थ्य पर जोर दिया

नई दिल्ली, 21 अगस्त – वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे के अवसर पर, भारत के अग्रणी सुपर-स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल नेटवर्क सेंटर फॉर साइट ने उम्र से संबंधित नेत्र रोगों में समय पर हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। देश में 60 वर्ष से अधिक आयु के 14 करोड़ से अधिक लोग हैं, जिनमें से लगभग हर तीन में से एक को दृष्टि हानि का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति बुजुर्गों की स्वतंत्रता और जीवन की गुणवत्ता दोनों को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। वैश्विक स्तर पर, अंधेपन के 80 प्रतिशत मामलों को टाला जा सकता है। फिर भी, मिथकों और देर से देखभाल के कारण बुजुर्ग अपनी दृष्टि खो देते हैं। भारत में अंधेपन का सबसे बड़ा कारण मोतियाबिंद है, जिसे अब उन्नत ब्लेडलेस, रोबोटिक लेज़र सर्जरी से उसी दिन ठीक किया जा सकता है। वहीं, ग्लूकोमा जिसे “साइलेंट थीफ ऑफ साइट” कहा जाता है, शुरुआती लक्षणों के बिना ही बढ़ता रहता है। इसके ...
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विनर्स इंस्टीट्यूट ने शहीद परिवारों के लिए 12.44 लाख रुपये का योगदान दिया

इंदौर (मध्य प्रदेश) [भारत], 18 अगस्त:  स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर, विनर्स इंस्टीट्यूट इंदौर, जो मध्यप्रदेश का अग्रणी प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण संस्थान है, ने शहीद परिवारों के कल्याण हेतु ₹12,44,818 की ऐतिहासिक राशि समर्पित की। यह पहल उन वीर सैनिकों के बलिदान को श्रद्धांजलि और उनके परिवारों के सम्मान, शिक्षा तथा खुशहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योगदान के पीछे एक प्रेरक कहानी है। जून 2025 में, 6,289 विद्यार्थियों ने आदित्य सर के स्पेशल कैलकुलेशन बैच  में प्रवेश लिया। इस कोर्स की फीस मात्र ₹99 रखी गई थी ताकि हर छात्र इस सामाजिक कार्य का हिस्सा बन सके। इस माध्यम से कुल ₹6,22,409 एकत्र हुए। जैसा वादा किया गया था, विनर्स इंस्टीट्यूट के संस्थापक आदित्य पटेल सर ने अपनी ओर से उतनी ही राशि जोड़कर इसे ₹12,44,818 तक पहुँचा दिया। आदित्य पटेल सर ने कहा – “यह केवल कागज पर लिखा कोई आंकड...
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मानस रामरक्षा।। “दिन-९” दिनांक-१७अगस्त कथा क्रमांक-९६१

હાઇલાઇટ્સअश्रुभरी आंखो से हुआ मोम्बासा कथा का समापन, अगली-९६२वीं रामकथा २३ अगस्त से पॉलेन्ड से शुरु होगी।। राम, रामनाम, रामकथा, राम दर्शन की लालसा और परम की पादूका हमारी रक्षा करते है।। विभूतियों का अंत नहीं तो विभु का अंत कैसे होगा! भारत पद का नहि, पादूका का पूजक है।अहमदाबाद (गुजरात), अगस्त 18: अरुणभाइ और प्रमिलाबेन सोमाणी(मामा-मामी) परिवार के मनोरम मनोरथ से मोम्बासा में बह रही रामकथा का विराम दिन,सब की आंखे भीगी-भीगी और मौन! सुनु मुनि तोहिं कहहुं सहरोसा। भजहि जे मोहिं तजि सकल भरोसा।। करउ सदा तिन्ह के रखवारी। जिमि बालक राखइ महतारी।। अरण्य कॉंड की ये दो पंक्तियों का गान कर के विराम की और चलते हुए भुशुंडीजी की तरह बाकी के कॉंड का विहंग दर्शन करवा के उपसंहारक सूत्र कहते हुए बापु ने पूरे कथा आयोजन मनोरथी परिवार और सब के प्रति दिल से प्रसन्नता का भाव व्यक्त किया।। कथा के आरंभ में बापू ने क...
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मॉनसून में ग्रामीण स्वास्थ्य की ढाल बना वेदांता एल्युमिनियम का अभियान

भुवनेश्वर, अगस्त 14: वेदांता एल्युमिनियम, भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम उत्पादक, ने ओडिशा के रायगढ़ा और कालाहांडी जिलों में सामुदायिक कल्याण को मजबूत करने के लिए वर्षा ऋतु के दौरान लक्षित स्वास्थ्य पहलें शुरू की हैं। इन प्रयासों को कंपनी के सामुदायिक कार्यक्रमों के तहत मोबाइल हेल्थ यूनिट (एमएचयू) कार्यक्रम के माध्यम से लागू किया जा रहा है। 1,500 से अधिक समुदाय के लोगों को मुफ्त मलेरिया जांच, लक्षणों की पहचान पर मार्गदर्शन और रोकथाम के उपाय जैसे स्वच्छता, मच्छरदानी का उपयोग और ठहरे हुए पानी को हटाना, उपलब्ध कराए गए। ये उपाय मौसमी बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, 80 स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं के साथ पाँच गाँवों में मानसून तैयारी सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें घर में स्वच्छता, सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता, साँप के काटने से बचाव के एहतियाती कदम और सम...
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प्रेम मंदिर जन्माष्टमी की 10 बातें जो आपको अवश्य जाननी चाहिए

नई दिल्ली, अगस्त 12: श्री वृंदावन धाम की जन्माष्टमी केवल भारत ही नहीं, पूरे विश्व में अपनी भव्यता और भक्ति-भाव के लिए प्रसिद्ध है। इस पावन उत्सव में, वृंदावन का प्रेम मंदिर विशेष स्थान रखता है। यहाँ की जन्माष्टमी का उत्सव जितना विशाल होता है, उतना ही हृदय को छू लेने वाला भी होता है। हर वर्ष, लाखों-लाख श्रद्धालु इस दिव्य मंदिर में एकत्रित होकर नन्हे कान्हा के जन्मोत्सव में भाग लेते हैं। 1) अद्वितीय भक्ति और जनसैलाब जन्माष्टमी की रात्रि में प्रेम मंदिर में श्रद्धालुओं का ऐसा जनसैलाब उमड़ता है, जिसमें हर कोई अपने हृदय में बाल गोपाल की छवि सँजोए, उनके गुणगान में डूबा रहता है। “हाथी-घोड़ा-पालकी, जय कन्हैया लाल की” की जयकार और भजन-कीर्तन पूरे वातावरण को भक्तिमय बना देते हैं। भीड़ चाहे जितनी हो, भक्ति-भाव में कोई कमी नहीं आती। 2) रात्रि 12 बजे का विशेष अभिषेक जन्माष्टमी की रात्रि ठीक 12 बजे ठाकुर...
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माँ की आशा बनी आयशा, कहानी जो दिल छू ले

नई दिल्ली, 09 अगस्त:भारतीय सिनेमा की उभरती हुई अभिनेत्री आयशा एस ऐमन, जो कभी मिस इंडिया इंटरनेशनल का ताज पहन चुकी हैं, आज आत्मबल और संकल्प की मिसाल हैं। लेकिन उनकी ज़िंदगी का सबसे भावुक फैसला वो था, जब उन्होंने अपनी माँ का एक अधूरा सपना पूरा करने के लिए अपना नाम बदलने का निर्णय लिया। आयशा बताती हैं: “मेरा जन्म नाम ‘सुप्रिया’ था। यही नाम मेरे साथ स्कूल से लेकर एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग क्लासेस, फैशन शोज़, अंतरराष्ट्रीय दौरों, मिस इंडिया पेजेंट्स और ब्यूटी कॉन्टेस्ट्स तक जुड़ा रहा। इसी नाम से मैंने डिग्रियाँ हासिल कीं, एग्ज़ाम्स टॉप किए और भारत को सोन्दर्य प्रतियोगिता में मिस इंटरनेशनल के मन्च पर रिप्रेज़ेंट किया। मैंने ऑल इंडिया एरोनॉटिकल एंट्रेंस एग्ज़ाम भी इसी नाम से टॉप किया था! मेरे लिए ‘सुप्रिया’ नाम आत्मविश्वास, मेहनत और जुनून का प्रतीक था।” “लेकिन हर उपलब्धि के पीछे थी मेरी माँ — श्रीमती...
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वैरिकोज वेंस: एक मूक समस्या जो आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है

नई दिल्ली, अगस्त 5: वैस्कुलर सोसाइटी ऑफ इंडिया – वैस्कुलर रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और भारत को अंगच्छेदन मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मिशन के तहत, हम हर साल 4 अगस्त से 9 अगस्त तक एक जागरूकता सप्ताह मनाते हैं। आज हम इस लेख में वैरिकोज वेंस के बारे में चर्चा करेंगे वैरिकोज वेंस: एक मूक समस्या वैरिकोज वेंस यानी नसों की वह स्थिति जिसमें वे सूजी हुई, मुड़ी हुई और दर्दनाक हो जाती हैं। यह समस्या तब होती है जब नसों में रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता और रक्त एकत्र हो जाता है। कारण और लक्षणलंबे समय तक खड़े रहना या बैठना  गर्भावस्था  अधिक वजन  अनुवांशिक कारण  उम्र बढ़नालक्षणों में शामिल हैं:सूजी हुई और मुड़ी हुई नसें दर्द और भारीपन त्वचा पर खुजली और जलन त्वचा का रंग बदलनाजटिलताएं यदि वैरिकोज वेंस का उपचार नहीं किया जाता है, तो यह जटिलताओं का कारण बन सकता है, जैसे कि: त्वच...
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पंडित राहुल शास्त्री: ज्योतिष और वास्तु के अनुभवी विशेषज्ञ

नई दिल्ली, अगस्त 4: पंडित राहुल शास्त्री एक प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने वर्षों से असंख्य लोगों को जीवन की कठिन परिस्थितियों में मार्गदर्शन प्रदान किया है। उनके गहन ज्ञान और अनुभव ने उन्हें इस क्षेत्र में एक विश्वसनीय नाम बना दिया है। ज्योतिष के क्षेत्र में निपुणता पंडित राहुल शास्त्री की ज्योतिष विद्या में पकड़ अत्यंत सटीक और व्यक्तिगत होती है। चाहे जीवन में प्रेम संबंधों की उलझन हो, करियर से जुड़ी दुविधाएँ, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हों या आर्थिक संकट—वे प्रत्येक समस्या का विश्लेषण करके सटीक समाधान देते हैं। उनकी कुंडली विश्लेषण की विधि और ग्रहों की स्थिति की समझ अद्भुत है, जिससे वे ऐसे सुझाव देते हैं जो न केवल व्यावहारिक होते हैं, बल्कि भविष्य के लिए भी मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। वास्तु शास्त्र में विशिष्ट अनुभव पंडित राहुल शास्त्री का वास्तु शास्त्र में भी ...
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टेक्नोलॉजी से TrueGiv स्कूलों में CSR को बना रहा पारदर्शी और असरदार

नई दिल्ली, 01 अगस्त : एक तकनीक-संचालित एनजीओ, जो भारत भर के स्कूलों तक महत्वपूर्ण संसाधन पहुंचाने और साझेदारियों को सहज बनाने में अग्रणी है। आज के समय में, जहाँ एक क्लिक पर कोई भी सामान घर तक पहुँच जाता है और पैसे सेकंडों में ट्रांसफर हो जाते हैं, यह सवाल उठना स्वाभाविक है: शैक्षिक संस्थानों पर सामाजिक प्रभाव डालना इतना आसान क्यों नहीं हो सकता? “2047 #2047 शिक्षित भारत, विकसित भारत” के विज़न के साथ, TrueGiv इस चुनौती का समाधान तलाशने के लिए तत्पर है। TrueGiv की तकनीकी आधारित पहल प्रभावी साझेदार बनाकर और संसाधनों की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास को बढ़ावा दे रही है।एक नई technology-आधारित चैरिटी, TrueGiv, लोगों और कंपनियों के लिए भारतीय स्कूलों की मदद करने के तरीके को बदल रही है। उनका विशेष ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म दानदाताओं और कंपनियों को सीधे उन स्कू...