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दिगंत शर्मा और सीए महेंद्र तुराखिया ने अन्नामृता फाउंडेशन के साथ पूरे भारत में प्रतिदिन 12 लाख बच्चों को खाना खिलाने के लिए रुपये 341 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

दिल्ली [भारत] : बच्चों की भूख से निपटने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल में, दिगंत शर्मा और सीए महेंद्र तुराखिया ने श्री श्री राधा पार्थसारथी, इस्कॉन टेम्पल रोड, में अन्नामृता फाउंडेशन (इस्कॉन फूड रिलीफ फाउंडेशन) के उपाध्यक्ष श्री संजय टिक्कू के साथ ₹341 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। नगर, ईस्ट ऑफ कैलाश, नई दिल्ली – 110065, पूरे भारत में प्रतिदिन 12 लाख बच्चों को खाना खिलाने के लिए धन जुटाने के लिए। यह महत्वपूर्ण प्रयास बाल पोषण और शिक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा, जिससे लाखों लोगों का भविष्य उज्जवल होगा।यह पहल निम्नलिखित शहरों को कवर करेगी, जिनमें से प्रत्येक को विशिष्ट धनराशि आवंटित की जाएगी:1. दिल्ली2. छत्रपति संभाजी नगर (औरंगाबाद)3. कोलकाता4. पुत्तूर, आंध्र प्रदेश5. जालना, महाराष्ट्र6. पिंपरी, पुणे7. चाईबासा, झारखंड8. नागपुर9. तुमसर10...
यतीश कुमार की बहुप्रशंसित पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’ पर परिचर्चा का कार्यक्रम का आयोजन किया गया
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यतीश कुमार की बहुप्रशंसित पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’ पर परिचर्चा का कार्यक्रम का आयोजन किया गया

बीसी रॉय इंस्टिट्यूट, सियालदाह में यतीश कुमार की बहुप्रशंसित पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’ पर परिचर्चा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हिंदी के सुपरिचित कवि-लेखक  देवी प्रसाद मिश्र, प्रो. हितेन्द्र पटेल, प्रोफेसर वेदरमण, प्रो. संजय जायसवाल, ऋतु तिवारी और योगाचार्य भूपेन्द्र शुक्लेश वक्ता के तौर पर उपस्थित थे। स्मिता गोयल ने अंगवस्त्र प्रदान कर सभी वक्ताओं का स्वागत व सम्मान किया।लेखक, यतीश कुमार, मूलतः बिहार के मुंगेर जिले से हैं। भारतीय रेलवे सेवा के प्रशासनिक अधिकारी हैं और 22 वर्ष की उत्कृष्ट सेवाओं के फलस्वरूप इन्हें भारत के ‘सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम’ का सबसे युवा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बनने का गौरव प्राप्त है। साहित्य सृजन के साथ-साथ विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संस्थाओं से भी सक्रिय रूप से जुड़े हैं। पिछले कुछ वर्षों में, चर्चित उपन्यासों, कहान...
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यतीश कुमार की बहुप्रशंसित पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’ पर परिचर्चा का कार्यक्रम का आयोजन किया गया

बीसी रॉय इंस्टिट्यूट, सियालदाह में यतीश कुमार की बहुप्रशंसित पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’ पर परिचर्चा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हिंदी के सुपरिचित कवि-लेखक  देवी प्रसाद मिश्र, प्रो. हितेन्द्र पटेल, प्रोफेसर वेदरमण, प्रो. संजय जायसवाल, ऋतु तिवारी और योगाचार्य भूपेन्द्र शुक्लेश वक्ता के तौर पर उपस्थित थे। स्मिता गोयल ने अंगवस्त्र प्रदान कर सभी वक्ताओं का स्वागत व सम्मान किया।लेखक, यतीश कुमार, मूलतः बिहार के मुंगेर जिले से हैं। भारतीय रेलवे सेवा के प्रशासनिक अधिकारी हैं और 22 वर्ष की उत्कृष्ट सेवाओं के फलस्वरूप इन्हें भारत के ‘सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम’ का सबसे युवा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बनने का गौरव प्राप्त है। साहित्य सृजन के साथ-साथ विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संस्थाओं से भी सक्रिय रूप से जुड़े हैं। पिछले कुछ वर्षों में, चर्चित उपन्यासों, कहानियों, यात्रा-वृतान्तों पर अपन...
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नवोटेल, एकॉर ग्रुप की इमारत को विश्व की पहली 100% सत्त्विक सर्टिफाइड शाकाहारी इमारत घोषित

सत्त्विक सर्टिफिकेशन्स, जो दुनिया का प्रमुख शाकाहारी और वीगन सर्टिफिकेशन बॉडी है, गर्व के साथ अपने क्रांतिकारी सत्त्विक ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन की शुरुआत की घोषणा करता है। इस नवाचारी प्रमाणन का उद्देश्य आतिथ्य उद्योग में शाकाहार और स्थिरता को बढ़ावा देना है। इस प्रतिष्ठित प्रमाणन का पहला प्राप्तकर्ता नवोटेल, एकॉर संपत्ति है, जिससे यह दुनिया का पहला 100% सत्त्विक सर्टिफाइड शाकाहारी होटल बन गया है। इस प्रमाणन का पहला गर्वशील प्राप्तकर्ता है Novotel Jodhpur के मालिक, मिस्टर तरुण बफना, और Novotel, Jodhpur के प्रबंध निदेशक मिस्टर शुभम बफना। सतत आतिथ्य में एक ऐतिहासिक उपलब्धि नवोटेल जोधपुर का दुनिया का पहला 100% सत्त्विक सर्टिफाइड शाकाहारी होटल के रूप में प्रमाणन वैश्विक आतिथ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह प्रमाणन होटल की क्रूरता-मुक्त, स्थायी और पर्यावरण-मैत्रीपूर्ण प्रथाओं ...
नवोटेल, एकॉर ग्रुप की इमारत को विश्व की पहली 100% सत्त्विक सर्टिफाइड शाकाहारी इमारत घोषित
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नवोटेल, एकॉर ग्रुप की इमारत को विश्व की पहली 100% सत्त्विक सर्टिफाइड शाकाहारी इमारत घोषित

सत्त्विक सर्टिफिकेशन्स, जो दुनिया का प्रमुख शाकाहारी और वीगन सर्टिफिकेशन बॉडी है, गर्व के साथ अपने क्रांतिकारी सत्त्विक ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन की शुरुआत की घोषणा करता है। इस नवाचारी प्रमाणन का उद्देश्य आतिथ्य उद्योग में शाकाहार और स्थिरता को बढ़ावा देना है। इस प्रतिष्ठित प्रमाणन का पहला प्राप्तकर्ता नवोटेल, एकॉर संपत्ति है, जिससे यह दुनिया का पहला 100% सत्त्विक सर्टिफाइड शाकाहारी होटल बन गया है। इस प्रमाणन का पहला गर्वशील प्राप्तकर्ता है Novotel Jodhpur के मालिक, मिस्टर तरुण बफना, और Novotel, Jodhpur के प्रबंध निदेशक मिस्टर शुभम बफना। सतत आतिथ्य में एक ऐतिहासिक उपलब्धि नवोटेल जोधपुर का दुनिया का पहला 100% सत्त्विक सर्टिफाइड शाकाहारी होटल के रूप में प्रमाणन वैश्विक आतिथ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह प्रमाणन होटल की क्रूरता-मुक्त, स्थायी और पर्यावरण-मैत्रीपूर्ण प्रथाओं ...
कृष्ण के परामर्श ‘तुम योगी बनो’ का अनुकरण
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कृष्ण के परामर्श ‘तुम योगी बनो’ का अनुकरण

अंतर्राष्ट्रिय योग दिवस के उपलक्ष्य में “योगी को, शरीर पर नियंत्रण करने वाले तपस्वियों, ज्ञान पर चलने वालों तथा कर्म के पथ पर चलने वालों से भी श्रेष्ठ माना गया है; इसलिए हे अर्जुन, तुम योगी बनो!” भगवद्गीता के चतुर्थ अध्याय में अर्जुन को कहे भगवान् कृष्ण के ये शब्द हम सभी को यह परामर्श देते हैं कि अनिश्चताओं और विलासिता से भरे जीवन के महाभारत में अर्जुन की भाँति संघर्षरत रहते हुए, योगी का जीवन जीना सुख का मूल है। योग विज्ञान जो भारतवर्ष की धरोहर है, सम्पूर्ण संसार के लिए एक उपहार है; इसी कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी महत्ता को समझते हुए 2015 में, भारत सरकार के अनुरोध पर, 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में संघोषित करके सम्पूर्ण मानवजाति के कल्याण की पुष्टि की। पश्चिम में ‘योग के जनक’ कहे जाने वाले परमहंस योगानन्द जिन्होंने अपने जीवन के महत्त्वपूर्ण 30 वर्ष से भी अधिक समय पश्चिम में बित...
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कृष्ण के परामर्श ‘तुम योगी बनो’ का अनुकरण

अंतर्राष्ट्रिय योग दिवस के उपलक्ष्य में “योगी को, शरीर पर नियंत्रण करने वाले तपस्वियों, ज्ञान पर चलने वालों तथा कर्म के पथ पर चलने वालों से भी श्रेष्ठ माना गया है; इसलिए हे अर्जुन, तुम योगी बनो!” भगवद्गीता के चतुर्थ अध्याय में अर्जुन को कहे भगवान् कृष्ण के ये शब्द हम सभी को यह परामर्श देते हैं कि अनिश्चताओं और विलासिता से भरे जीवन के महाभारत में अर्जुन की भाँति संघर्षरत रहते हुए, योगी का जीवन जीना सुख का मूल है। योग विज्ञान जो भारतवर्ष की धरोहर है, सम्पूर्ण संसार के लिए एक उपहार है; इसी कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी महत्ता को समझते हुए 2015 में, भारत सरकार के अनुरोध पर, 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में संघोषित करके सम्पूर्ण मानवजाति के कल्याण की पुष्टि की। पश्चिम में ‘योग के जनक’ कहे जाने वाले परमहंस योगानन्द जिन्होंने अपने जीवन के महत्त्वपूर्ण 30 वर्ष से भी अधिक समय पश्चिम में बित...
आध्यात्मिक मार्गदर्शक ॐ ब्रम्हचैतन्य उदयनाथ महाराज: एक प्रकाश स्तंभ
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आध्यात्मिक मार्गदर्शक ॐ ब्रम्हचैतन्य उदयनाथ महाराज: एक प्रकाश स्तंभ

भारत की आध्यात्मिक भूमि पर कई प्रबुद्ध आत्माओं का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है, और इनमें से एक प्रतिष्ठित नाम है परमपूज्य ॐ ब्रम्हचैतन्य उदयनाथ महाराज। 11 सितंबर 1979 को मुंबई में जन्मे महाराज वर्तमान युग के एक युवादृष्टा, सत्यदर्शी और जीवन सर्जक हैं। उनका जीवन धर्म, आध्यात्म और साधना में गहराई से निहित है, साथ ही दर्शन, राजनीति, समाजव्यवस्था और आधुनिक विज्ञान में उनकी अद्वितीय और व्यापक प्रज्ञा का प्रकाश भी बिखेरता है। बाल्यकाल से ही महाराज ने अद्वितीय बुद्धिमत्ता और आध्यात्मिक झुकाव का परिचय दिया। मात्र छह साल की उम्र में, उन्हें ध्यान की परिवर्तनकारी प्रक्रिया की प्रेरणा मिली। ग्यारह साल की उम्र में, उन्हें पहली बार ‘उन्मनी’ या ‘सतोरी’ की अवस्था प्राप्त हुई, जिसने उनके मन को सांसारिक विषयों से विमुख कर आत्मसाक्षात्कार की ओर अग्रसर किया। गुरु दत्त प्रभु के मार्गदर्शन म...
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आध्यात्मिक मार्गदर्शक ॐ ब्रम्हचैतन्य उदयनाथ महाराज: एक प्रकाश स्तंभ

भारत की आध्यात्मिक भूमि पर कई प्रबुद्ध आत्माओं का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है, और इनमें से एक प्रतिष्ठित नाम है परमपूज्य ॐ ब्रम्हचैतन्य उदयनाथ महाराज। 11 सितंबर 1979 को मुंबई में जन्मे महाराज वर्तमान युग के एक युवादृष्टा, सत्यदर्शी और जीवन सर्जक हैं। उनका जीवन धर्म, आध्यात्म और साधना में गहराई से निहित है, साथ ही दर्शन, राजनीति, समाजव्यवस्था और आधुनिक विज्ञान में उनकी अद्वितीय और व्यापक प्रज्ञा का प्रकाश भी बिखेरता है। बाल्यकाल से ही महाराज ने अद्वितीय बुद्धिमत्ता और आध्यात्मिक झुकाव का परिचय दिया। मात्र छह साल की उम्र में, उन्हें ध्यान की परिवर्तनकारी प्रक्रिया की प्रेरणा मिली। ग्यारह साल की उम्र में, उन्हें पहली बार ‘उन्मनी’ या ‘सतोरी’ की अवस्था प्राप्त हुई, जिसने उनके मन को सांसारिक विषयों से विमुख कर आत्मसाक्षात्कार की ओर अग्रसर किया। गुरु दत्त प्रभु के मार्गदर्शन में, महाराज ने हठ योग, मं...
नीलम सक्सेना चंद्रा – लेखन की दुनिया में एक और कदम
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नीलम सक्सेना चंद्रा – लेखन की दुनिया में एक और कदम

लोकप्रिय भारतीय कवी और लेखक, नीलम सक्सेना चंद्रा ने अपने नए काव्य संग्रह “परिंदों सा लिबास” के प्रकाशन के साथ अपनी कीर्ति की दिशा में एक और कदम उठाया है| इनकी कवितायें यूँ भी कई भारतीय ही नहीं, विश्व में भी सुनी जाती हैं और पढ़ी जाती हैं, और आप अपनी हर नयी पुस्तक के साथ साहित्य के क्षेत्र में अपना नाम और भी रोशन करती जाती हैं| नीलम एक द्विभाषी कवी और लेखक हैं, और अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में इनकी अच्छी पकड़ है| यह लिखती भी कई विधाओं में हैं – कविता, उपन्यास, कहानियाँ, बच्चों की कहानियाँ इत्यादि| इनके बारे में यदि बताया जाए तो यह एक रेलवे ऑफिसर हैं और विद्युत् अभियंता हैं| उनके ही शब्दों में, “मुझे लेखन कार्य करने की ऊर्जा देता है!” आप बड़े ही साधारण शब्दों में आसपास की घटनाओं से प्रेरित होकर कविता और कहानियों को लिखती हैं| शायद यही वजह है कि इनकी कवितायें और कहानियाँ इतनी लोकप्रिय हैं| नीलम अ...