सरकारी व्यवस्था और फ़र्ज़ के बीच मार्मिक जंग ‘चट्टान’
पीढ़ी दर पढ़ी ऑडियंस की नई खेप में फ़िल्में देखने का नज़रिया एकदम बदल गया है. अब उन्हें स्टार नहीं कंटेंट निहित फ़िल्में ही चाहिए यही पक्की वजह रही कि उलजुलूल कंटेट वाली और टॉप स्टारर ठगस ऑफ़ हिंदुस्तान’ (अमिताभ बच्चन, आमिर खान) शमशेरा (रणवीर कपूर) पृथ्वी राज (अक्षय कुमार ) pr जैसी फिल्मों को समूचे भारत और विदेशों तक की ऑडियंस ने खुले तौर पर नकार दिया जिससे फिल्म. इंडस्ट्री की इकनोमिक साख तक गड़बड़ा गई और फिर एक बार स्टार सिस्टम की वैल्यूज गिर गई और कंटेंट वाली फिल्मों की डिमांड ने बॉलीवुड और ऑडियंस में जोर पकड़ लिया .लगातार बड़े बैनर्स और स्टारर फिल्मों के लगातार फ्लॉप होने वजह से नई नई टेक्नोलॉजी और कीमती कैमरे और ड्रोन्स से बढ़ते बोझ से फिल्मकारों की सोच बदली और उन्होंने मिडिल स्टारकास्ट और बढ़िया कंटेंट वाली फ़िल्में बनानी शुरू ...