Tag: education

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हिंदी भाषा और व्याकरण: मानवीय संस्कारों से रोज़गार तक की यात्रा ।

नई दिल्ली, मई 22: भाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं होती, बल्कि यह समाज की आत्मा, संस्कृति की वाहक और मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त साधन होती है। हिंदी, हमारी मातृभाषा, न केवल भारत के विशाल भूभाग में संवाद का माध्यम है, बल्कि यह करोड़ों लोगों की पहचान, सोच और संस्कारों की वाहिका भी है। भाषा की आत्मा उसका व्याकरण होता है, जो उसे शुद्धता, स्पष्टता और सौंदर्य प्रदान करता है। हिंदी भाषा और व्याकरण का यह संगम न केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति करता है, बल्कि व्यक्ति को सामाजिक, नैतिक व व्यावसायिक स्तर पर दक्ष, सक्षम और संवेदनशील बनाता है। 1. भाषा और व्याकरण: संस्कारों का आधार बचपन में जब कोई बालक भाषा सीखता है, तो वह केवल शब्दों और वाक्यों को नहीं, बल्कि व्यवहार, संस्कृति और मूल्यों को आत्मसात करता है। ‘नमस्ते’ कहना, बड़ों को ‘आप’ कहकर संबोधित करना, संवाद में विनम्रता रखना — ये केवल भा...
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यूरोप की जॉर्जिया यूनिवर्सिटी का भारत में पार्टनर बना ट्राइएंगल एजुकेशन

स्टूडेंट्स को यूरोप की मानकता वाले हॉस्पिटल में मिलेगी ट्रेनिंग और आईपैड देने की भी है योजना नई दिल्ली, मई 6: यूरोप के देश जॉर्जिया देश की राजधानी त्बिलिसी में संचालित प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल ब्लैक सी यूनिवर्सिटी (IBSU) का भारत में एक्सक्लूसिव पार्टनर ट्राइएंगल एजुकेशन कंसल्टेंसी सर्विसेज बन गया है । शिक्षा के क्षेत्र में हुए इस उल्लेखनीय निर्णय के सम्बन्ध में यूनिवर्सिटी के कैंपस में दोनों संस्थाओ के मध्य एमओयू भी हो गया है । एमओयू साइन करने के अवसर पर भारत के ट्राइएंगल एजुकेशन कंसल्टेंसी सर्विसेज के प्रतिनिधियों ने जॉर्जिया के पूर्व शिक्षा मंत्री व वर्तमान रेक्टर गियोर्गी अमिलाखवारी और IBSU के वाइस रेक्टर गियोर्गी मखाराशविली से भी मुलाकात की और दोनों देशों के मध्य मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा भी हुई । आपको बता दे कि 1995 में स्थापित IBSU यूरोप के देश जॉर्ज...
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भूमि और रियलमी ने टेक-संचालित शिक्षा और सामुदायिक विकास कार्यक्रम से 80K युवाओं को सशक्त बनाया

नई दिल्ली, अप्रैल 14: रियलमी और भूमि ने शैक्षिक और सामुदायिक विकास के कार्यक्रमों का संचालन करने के लिए साझेदारी की है। जहाँ भूमि भारत के अग्रणी नॉन-प्रॉफिट संगठनों में से एक है, जो युवाओं के सशक्तीकरण और सामाजिक परिवर्तन लाने पर केंद्रित है, वहीं रियलमी भारतीय युवाओं का सबसे लोकप्रिय स्मार्टफोन ब्रांड है। यह ब्रांड भारत के युवाओं की नब्ज को समझता है। रियलमी ने हमेशा इनोवेशन और सामाजिक परिवर्तन का नेतृत्व किया है। इस गठबंधन द्वारा रियलमी का उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना, और उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए सही कौशल एवं संसाधनों के साथ अवसर भी प्रदान करना है। इस पहल द्वारा भूमि को विशाल जनसमुदाय तक पहुँचने और उन्हें एक सफल भविष्य निर्माण के लिए आवश्यक टूल्स प्रदान करने में मदद मिलेगी। इस साझेदारी द्वारा भूमि का उद्देश्य भूमि फैलोशिप, सोशल एंड इमोशनल लर्निंग (एसईएल) प्रोग्राम, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस...
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भारत नेशनल टैलेंट हंट 2025: “जनरल नॉलेज प्रतियोगिता” का भव्य आयोजन पूरे देश में

नई दिल्ली, 31 मार्च: NURCLM Educational & Skill Development Mission Foundation द्वारा भारत नेशनल टैलेंट हंट 2025 के अंतर्गत “जनरल नॉलेज प्रतियोगिता” का आयोजन पूरे भारत के सभी राज्यों में किया जा रहा है। इस अखिल भारतीय प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों की सामान्य ज्ञान में रुचि बढ़ाना और उनकी प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच देना है। प्रतियोगिता की विशेषताएं: यह प्रतियोगिता दो श्रेणियों में आयोजित की जाएगी:कक्षा 5वीं से 8वीं तक के विद्यार्थी कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थीपरीक्षा का आयोजन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जाएगा, ताकि देशभर के छात्र अपनी सुविधा के अनुसार भाग ले सकें। भव्य पुरस्कार:  संपूर्ण भारत स्तर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को निम्नलिखित पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे:प्रथम स्थान: IGNIS कार + पदक + ट्रॉफी + प्रमाणपत्र द्वितीय स्थान: एक्टिवा...
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Civilhindipedia: हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए शिक्षा की नई क्रांति

नई दिल्ली, 21 मार्च:भारत में सिविल सेवा परीक्षाओं (UPSC & PSC) की तैयारी लंबे समय तक अंग्रेज़ी माध्यम की प्रधानता में रही है। हिंदी माध्यम के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण सामग्री, सही मार्गदर्शन और आधुनिक तकनीकों की कमी का सामना करना पड़ा, जिससे वे प्रतिस्पर्धा में पीछे रह जाते थे। लेकिन अब, वरुण पचौरी और निहारिका शर्मा द्वारा स्थापित Civilhindipedia ने इस असमानता को चुनौती दी है और हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों के लिए एक नई राह तैयार की है। स्थापना और मिशन Civilhindipedia की स्थापना 14 सितंबर 2018 को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर हुई थी, जो हिंदी माध्यम के प्रति इस मंच की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। तब से, यह केवल एक कोचिंग संस्थान नहीं, बल्कि हिंदी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण और किफायती शिक्षा का एक आंदोलन बन चुका है। इस मंच का ध्येय वाक्य – “अब कुछ बड़ा सोचें, हिंदी में भी!” यानी, हिंदी माध...
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हेलो किड्स प्रीस्कूल चेन ने 1000वां सेंटर खोलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाई

नई दिल्ली, 11 मार्च:  भारत की पहली नो-रॉयल्टी मॉडल और सबसे बड़ी प्रीस्कूल चेन में से एक, हेलो किड्स ने भारत और बांग्लादेश में 1,000 सेंटर खोलकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी की आक्रामक विस्तार योजना के तहत, अगले तीन वर्षों में 2,000 सेंटर खोलने और 2028 तक 100,000 से अधिक बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में यह प्रीस्कूल चेन बैंगलोर और हैदराबाद में प्रमुख रूप से कार्यरत है, लेकिन जल्द ही भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में भी अपने विस्तार के साथ अग्रणी शहरों में लोकप्रियता हासिल करेगी। हेलो किड्स: एक प्रेरणादायक सफर हेलो किड्स की स्थापना प्रीतम कुमार अग्रवाल ने वर्ष 2005 में की थी। बैंगलोर में एक छोटे से प्रीस्कूल से शुरू होकर यह आज दक्षिण भारत और बांग्लादेश में 1,000 से अधिक प्रीस्कूलों के एक मजबूत नेटवर्क के रूप में विकसित हो चुका है। यह ...
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वेदांत ने सुंदरगढ़ में सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ियों के बुनियादी ढांचे को बढ़ाया

दिल्ली, 4 नवंबर: भुवनेश्वर,04/11 –गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक व्यापक पहुंच और युवाओं को सशक्त बनाने के साथ सामुदायिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हुए, भारत के सबसे बड़े एल्यूमीनियम उत्पादक वेदांत एल्युमिनियम ने आदिवासी बहुल सुंदरगढ़, ओडिशा के जामकानी कोयला खदान क्षेत्र में स्थित 14 सरकारी स्कूलों और सात आंगनवाड़ी केंद्रों को आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान किया है। क्षेत्र के 750 से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं और मुंडेलखेत,  कोडाजालंगा, भोगराकाचर,  घोघरपल्ली,  जामकानी और गिरिस्मा गांवों के सरकारी स्कूलों को डेस्क और बेंच, कुर्सियां, टेबल, रैक और अलमारी दी गई हैं।कंपनी द्वारा 14 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों, ब्लॉक शिक्षक संघों के अध्यक्षों और समूह के सदस्यों की उपस्थिति में आयोजित एक समारोह में समर्थन दिया गया। भोगरकच के उच्च प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक भवानी शंकर पधान ने कहा, “हम वेदांता क...
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GS Yodha Book से UP पुलिस परीक्षा में 80-90% प्रश्न हू-ब-हू आये, सफलता की गारंटी

मेरठ (उत्तर प्रदेश), अक्टूबर 04: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बाजार में सैकड़ो पुस्तकें हैं लेकिन इन सभी पुस्तकों को पीछे छोड़ते हुये एक बार फिर GS Yodha ने साबित किया कि I am the Best. जी हां, यह सही है कि इस बार उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा में GS Yodha पुस्तक से 80-90 प्रतिशत प्रश्न हू-ब-हू आये। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी एवं राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता Vidya Prakashan Mandirमंदिर के MD Saurabh Jain और CTO Dr Rohit Khokher ने संयुक्त रूप से कहा कि वर्तमान प्रतिस्पर्धा के दौर में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के सामने सामान्य अध्ययन (GS) को लेकर कई चुनौतियाँ हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल GS का क्षेत्र इतना व्यापक है कि अभ्यर्थी के लिए परीक्षोपयोगी कंटेंट खोजना और एक रूपरेखा बनाना कठिन कार्य है। अभ्यर्थियों की इस समस्या को दूर करने के लिए Vidya Prakashan Mandir के ...
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बच्चो की आत्महत्या के जिम्मेदार माता पिता या स्कूल कोचिंग ?

नई दिल्ली, सितम्बर 20: भारत में छात्र आत्महत्या के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। जितने भारत में टॉपर्स निकल रहे हैं, उससे 10 गुना ज्यादा बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। सिर्फ 10वीं-12वीं या कॉलेज के बच्चों के ही नहीं, बल्कि इससे भी ज्यादा कक्षा 4 से लेकर कक्षा 9 तक के बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं।इसका जिम्मेदार कौन है? माता-पिता, स्कूल या खुद बच्चे?इसी विषय पर हमारी बातचीत BIYZEN Youth Services के डायरेक्टर श्री अमनदीप से हुई।अमनदीप ने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से समझाया।उन्होंने बताया कि भारत आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और इस बदलाव के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।हर इंसान को तनाव का सामना करना पड़ता है, चाहे वह 8 साल का बच्चा हो या 60 साल का वयस्क। पिछले दो दशकों में मानसिक सहनशीलता की कमी के कारण कई बदलाव हुए हैं, जिससे...
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बच्चो की आत्महत्या के जिम्मेदार माता पिता या स्कूल कोचिंग ?

नई दिल्ली, सितम्बर 20: भारत में छात्र आत्महत्या के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। जितने भारत में टॉपर्स निकल रहे हैं, उससे 10 गुना ज्यादा बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। सिर्फ 10वीं-12वीं या कॉलेज के बच्चों के ही नहीं, बल्कि इससे भी ज्यादा कक्षा 4 से लेकर कक्षा 9 तक के बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं।इसका जिम्मेदार कौन है? माता-पिता, स्कूल या खुद बच्चे?इसी विषय पर हमारी बातचीत BIYZEN Youth Services के डायरेक्टर श्री अमनदीप से हुई।अमनदीप ने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से समझाया।उन्होंने बताया कि भारत आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और इस बदलाव के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।हर इंसान को तनाव का सामना करना पड़ता है, चाहे वह 8 साल का बच्चा हो या 60 साल का वयस्क। पिछले दो दशकों में मानसिक सहनशीलता की कमी के कारण कई बदलाव हुए हैं, जिससे...